Multiplexing (मल्टीप्लेक्सिंग) समझाया गया

🔶 Multiplexing क्या है?

सोचो तुम्हारे पास एक रास्ता है (communication line), लेकिन उस पर कई लोग बात करना चाहते हैं (signals भेजना चाहते हैं)। अगर हर किसी के लिए अलग-अलग रास्ता बनाओगे, तो बहुत सारी जगह और पैसा बर्बाद होगा।

Multiplexing एक ऐसी टेक्निक है जिससे हम कई signals को एक ही रास्ते से एक साथ भेज सकते हैं।
🎒 Example: जैसे एक बस में कई लोग बैठकर एक ही रोड से जाते हैं, वैसे ही Multiplexing में कई signals एक ही लाइन से ट्रैवल करते हैं।

🔹 Multiplexing क्यों ज़रूरी है?

🔸 Multiplexing के मुख्य प्रकार

1. TDM (Time Division Multiplexing)

हर signal को थोड़े-थोड़े समय का एक slot दिया जाता है।
🕒 जैसे एक teacher क्लास में एक-एक बच्चे से बारी-बारी बात कर रही है – हर बच्चे को कुछ seconds मिलते हैं।

2. FDM (Frequency Division Multiplexing)

हर signal को एक अलग frequency पर भेजा जाता है।
📻 जैसे FM रेडियो – सारे stations एक ही हवा में घूमते हैं, बस हर एक की frequency अलग होती है।

3. WDM (Wavelength Division Multiplexing)

ये optical fiber में होता है, जहाँ हर data एक अलग wavelength (रंग) में भेजा जाता है।
🌈 जैसे प्रकाश के अंदर बहुत सारे रंग होते हैं – red, blue, green – वैसे ही हर wavelength अलग signal को represent करता है।

🔹 Multiplexing के Applications

🔚 निष्कर्ष (Conclusion)

Multiplexing एक स्मार्ट तरीका है जिसमें हम एक ही रास्ते से कई signals को efficiently भेज सकते हैं – जिससे समय, पैसा और resources की बचत होती है।